Thursday, June 23, 2016

Digital India in Hindi - डिजिटल इण्डिया

डिजिटल इण्डिया

डिजिटल इंडिया कार्यक्रम भारत को डिजिटली सशक्त समाज और ज्ञान अर्थव्यवस्था में बदलने की दृष्टि से भारत सरकार द्वारा कार्यान्वित एक प्रमुख कार्यक्रम है।


1 June 2016

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Digital India
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Digital India

भारत सरकार - डिजिटल इण्डिया - वेब सैट 


http://digitalindia.gov.in/hi/content/about-programme
http://digitalindia.gov.in/hi/content/management-structure


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Digit Hindi  - 1 Oct 2015


1 July 2015

Text of PM's remarks at the launch of Digital India week


Picture Source:  http://pibphoto.nic.in/photo/2015/Jul/l2015070167126.jpg
The Prime Minister, Shri Narendra Modi addressing at the launching ceremony of Digital India Week, in New Delhi on July 01, 2015.
CNR :69797 Photo ID :67126


भाषण का वीडियो
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मंच पर विराजमान मंत्रि परिषद के मेरे सभी साथी, उद्योग जगत के सभी मित्र भिन्‍न भिन्‍न देशों के सभी राजदूत और बहुत बड़ी संख्‍या में पधारे हुए नौजवान दोस्‍तों,

मैं श्रीमान रविशंकर प्रसाद और उनकी टीम को ह्दय से बहुत बहुत अभिनंदन करता हूं बधाई देता हूं कि उन्‍होंने comprehensive integrated approach के साथ भारत के भविष्‍य को बदलने का एक खाका खींचा है और जिस बारीकी से सारी योजनाओं की रचना की है, मुझे विश्‍वास है कि करोड़ों देशवासी जिन सपनो को संजो रहे हैं वे सपने साकार हो कर रहेंगे।

उद्योग जगत के कुछ मित्रों को यहां मंच पर, डिजिटल इंडिया के संदर्भ में वे क्‍या सोचते हैं वे क्‍या कर सकते हैं के विचार हमे सुनने को मिले। हमारे रविशंकरप्रसाद जी हिसाब लगा रहे थे बैठे बैठे, कि वो क्‍या बोल रहे हैं और उन्‍होंने मुझे बताया है कि करीब करीब साढे चार लाख करोड़ रूपये का investment.. और करीब करीब 18 लाख लोगों को रोजगार.. और यह तो जो ऊपर बैठे हैं उन्‍होंने बताया हैं और नीचे बहु‍त बड़ी मात्रा में बैठे हैं.. उनका अभी सुनना बाकी है। यहां बहुत बड़ी मात्रा में इस क्षेत्र में पहले से ही काम करने वाले उद्योग जगत के मित्र बैठे हैं।

वक्‍त बहुत तेजी से बदल चुका है। पहले हम लोग कभी किसी परिवार में जाते थे और छोटे बच्‍चे से बात करते थे तो बच्‍चा क्‍या करता था? अगर आपका चश्‍मा है तो खींच के ले जाता था या आपकी जेब में पेन है तो उसको उठाता था। लेकिन आज आप मार्क करना कि वह न चश्‍मे को हाथ लगाता है न पेन को हाथ लगाता है वह आपका मोबाइल फोन छीनता है। मोबाईल फोन हाथ में आते ही ठीक से पकड़ता है, आप मार्क करना.. और अपना शुरू कर देता है और अगर, जैसा चाहे वैसा आपरेशन नहीं होता तो रोने लगता है यानी बाकी वह कुछ समझे या ना समझे डिजिटल ताकत को समझता है। समय की मांग है कि हम इस बदलाव को समझें और अगर हम इस बदलाव को नहीं समझेंगे तो हम कहीं पड़ रहेंगे कोने में दुनिया दूर चली जाएगी और हम देखते ही रह जायेंगे एक समय था कि सदियों पहले लोग बसते थे, नदी के तट पर। गांव बसते थे, शहर बसते थे नदी के तट पर या समुंदर के किनारे पर।

वक्‍त बदल गया बाद में जहां जहां से हाइवे गुजरते थे, शहर वहां बसना शुरू हुए लेकिन अब मानव जा‍ति वहीं पर बसेगी जहां से ऑप्टिकल फाइबर गुजरता होगा। ये बहुत बड़ा बदलाव आया है और इसलिए अगर विश्‍व के अंदर सवा सौ करोड़ का देश, अपनी ताकत का अहसास कराना चाहता है तो जो हजारो साल पुरानी महान संस्‍कति है.. हम सवा सौ करोड़ देश वासी हैं, हम 65 प्रतिशत 35 साल से कम उम्र के हैं, ये गीत गाने से बात बनने वाली नहीं है। ये जो भी विरासत है, जो सामर्थ्‍य है, उसके साथ आधुनिक विज्ञान को, आधुनिक टेक्‍नॉलॉजी को जोड़ना अनिवार्य है। अगर demographic dividend.. इसको अगर digital strength नहीं मिलेगी तो ये demographic dividend ..हम global level पर जितनी मात्रा में फायदा उठाना चाहिए नहीं उठा पायेंगे। इसलिए देश को तैयार करने की आवश्‍यकता है। आज हमारे देश में करीब करीब 25 करोड़-तीस करोड़ internet users हैं। users की संख्‍या में तो दुनिया में ये संख्‍या बहुत बड़ी है लेकिन जो इससे वंचित है वो संख्‍या भी दुनिया के हिसाब से बड़ी है। जिनकी अपनी पहुंच थी जिनकी अपनी ताकत थी जो खुद कर सकता था, जिसको ज़रूरत थी, उन्‍होंने तो अपना कर लिया। लेकिन जो खुद नहीं कर सकता है, उसको उसके नसीब पर छोड़ देना चाहिए क्‍या? देश का एक तबका.. वो तो Digital world के साथ बहुत तेज गति से आगे बढ़ता हो और देश का बहुत बड़ा तबका उससे वंचित रह जाए तो जो अमीर और गरीब की खाई के कारण समस्‍याएं पैदा होती हैं, शहर और गांव में सुविधा के कारण जो खाई पैदा होती है, उससे भंयकर स्थिति Digital Divide के कारण पैदा हो सकती है।

इसलिए यह हमारा दायितव बनता है, हमारी जिम्‍मेवारी बनती है कि हम इस आधुनिक विज्ञान, जो कि मानव की आवश्‍यकताओं की पूर्ति का एक बहुत बड़ा catalyst agent बना हुआ है, उससे गरीब से गरीब भी वंचित नहीं रहना चाहिए। यह सुविधा जब तक हम गांव, गरीब, किसान तक नहीं पहुंचाएंगे तो यह विकास की जो बातें हैं, न वो उसका लाभ उठा पाएगा, न हम उसको सेवा दे पाएंगे। इसलिए इस चुनौती को हमने स्‍वीकार किया है कि आने वाले वर्षों में, दूर-सुदूर गांव में भी गरीब से गरीब व्‍यक्ति को भी इस platform को उपलब्‍ध कराना चाहिए, जिस platform से वो अपनी आवश्‍यकताओं की पूर्ति का माध्‍यम..आवश्‍यकता के अनुसार उपयोग करता रहे। दुनिया जिस प्रकार से बदल रही है, आपने देखा होगा आपको घर में.. मान लीजिए कभी तय करें कि चलो भई किसी restaurant में आज अच्‍छा खाने जाना है, परिवार के चार लोग बैठकर के चर्चा करें कि कहां जाएंगे और आपका 15-16 साल का बच्‍चा है, वो सुनता है, तो वो क्‍या करता है.. तुरंत वो Google गुरू के पास जाता है। Google गुरू से पूछता है कि नजदीक में अच्‍छे से अच्‍छा restaurant कौन सा है, अच्‍छे से अच्‍छा menu कौन सा है? और वो table पर वहां बैठे बैठे बुक करा देता है। यह इतना बड़ा बदलाव है, इस बदलाव को समझते हुए हमने भी अपनी व्‍यवस्‍थाओं को विकसित करना चाहिए। minimum government maximum governance, इस सपने को साकार करने में technology बहुत बड़ा रोल प्‍ले करती है। e-governance, सामान्‍य मानव की.. जो शासकीय सेवाओं में उसका हक है, उसको प्राप्‍त करने के लिए उत्‍तम से उत्‍तम मार्ग है। e-governance बहुत ही तेजी से m-governanceमें बदलने वाला है। ‘m’ does not mean Modi Governance, it is mobile governance. सारा कारोबार, सारी आवश्‍यकतांए, सारी व्‍यवस्‍थाएं मोबाइल फोन के ईद-गिर्द.. पूरी सरकार आपके मोबाइल फोन में मौजूद होने वाली है, वो दिन दूर नहीं है।

लेकिन इसके लिए हमें अपने आप को सजग करना होगा, व्‍यवस्‍थाएं विकसित करनी होगी। e-governance easy governance, is economical governance.. आर्थिक रूप से अनुकुल यह governance.. और उसको हम जितना बल दे सकें, हमें उसको बल देना है। उसी प्रकार से हमारे सामने समस्‍या रहती है, सरकार में, एक ही काम के लिए इतनी multiple activity करनी पड़ती है, इतना समय बर्बाद होता है। आधुनिक विज्ञान के माध्‍यम से conversion इतना सरल होता है.. और जैसा अभी आपको presentation में बताया कि आज सरकार में 10 जगह पर 10 काम हैं तो सारे certificate दस जगह पर देने पड़ते हैं। अब वो सारी मुसीबत चली जाएगी। जब व्‍यवस्‍थाएं खड़ी हो जाएंगी तो आपके एक Digital number से उसको सारी चीजें उपलब्‍ध हो जाएंगी और कारोबार आगे चलता चला जाएगा। आने वाले दिनों में.. आज हम चर्चा करते हैं कि बच्‍चों को इतना बोझ उठाकर के स्‍कूल जाना पड़ता है। उनके बक्‍से में उनके वजन से ज्‍यादा किताबों का वजन होता है। इन बालकों की समस्‍या का समाधान भी Digital India में है। सारा syllabus एक छोटे से equipment में वो अपने साथ लेकर के घूम सकता है। इसलिए कुछ लोग, ऐसी जब बात होती है तो उनको लगता है कि यह तो बड़ा elite class के लिए काम है, बड़े लोगों के लिए काम है.. हकीकत नहीं है।

जब satellite छोड़े जाते थे, आज से कुछ वर्षों पहले, तो कुछ लोग डिबेट करते थे कि भारत जैसा गरीब देश! यह satellite किस के लिए छोड़े जा रहे हैं! क्‍या उपयोग है! लेकिन आज वही satellite, weather forecast अगर सही ढंग से करता है तो सीधा-सीधा फायदा गरीब किसान को होता है। जब खर्चा करते हैं तो आलोचना होती है लेकिन वही बाद में मानव की आवश्‍यकताओं की पूर्ति करता है। यह सारी योजनाएं जो आपने देखीं.. अब देखिए आज, तो बैंक में जाना वगैरह सब है लेकिन वो दिन अब दूर नहीं है कि बैंक पेपर लेस होने वाला है, बैंक premises less होने वाला है। पूरा बैंकिंग कारोबार आपके मोबाइल फोन से चलने वाला है।

यह जो बदलाव आ रहा है, इस बदलाव के लिए हमें अपने आप को सजग करना चाहिए कि नहीं करना चाहिए। अगर हम देखें तो हम 19वीं शताब्‍दी से.. तब से इन कामों को तेज गति से आगे बढ़ाने की आवश्‍यकता थी। जब दुनिया ने Industrial revolution देखा, हम पिछड़ गए, क्‍यों? क्‍योंकि हम गुलाम थे। औद्योगिक क्रांति का हमें लाभ नहीं मिला। लेकिन आज जब IT revolution आया, हम आजाद हैं, हम youthful nation हैं और हमारे पास talent है। जहां तक IT की बात होगी, दुनिया हिंदुस्‍तान का लोहा मानती है। हमें यह मौका गंवाना नहीं है। गुलामी के कालखंड में हमने जो मौका गंवाया, यह मौका हमें IT revolution में गंवाना नहीं है। इसके सामने कुछ और चीजों पर भी बल देने की आवश्‍यकता है। Petroleum Import की हमारी मजबूरी है, ऊर्जा की आवश्‍कयता है, जरूरत पड़ती है, हमारे पास source कम है, लाना पड़ता है। लेकिन यह बात गले नहीं उतरती है कि हिंदुस्‍तान का second highest import electronic goods हैं। क्‍या यह देश, जहां पर इतने IT Professionals हो, जहां इतनी बड़ी मात्रा में उद्योगकार हों.. और कोई इतनी बड़ी technology भी नहीं है। क्‍या हम हमारे देश में electronic goods इतनी बड़ी मात्रा में न बना पाएं कि जो qualitatively globally competitive हों, और भारत का बना हुआ हो ताकि भारत को कभी बाहर से import न करना पड़े।

Digital India के माध्‍यम से हम electronic good को हिंदुस्‍तान में manufacture करने की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं। हम देश के उद्योग जगत को निमंत्रित करना चाहते हैं। मैं नौजवानों को भी, start-up के लिए जो मदद चाहिए, सरकार देने के लिए तैयार है। और आज दुनिया में start-up की दिशा में हिंदुस्‍तान के नौजवानों की संख्‍या बहुत बड़ी मात्रा में है। आने वाले दिनों में शायद अमेरिका के बाद हम नंबर दो पर आ जाएंगे, start-up के लिए। लेकिन इसे और बढ़ाना है। मैं देश के नौजवानों को भी चुनौती देता हूं, अगर IT Professional हमारे हैं, दुनिया के IT कंपनियों में ढेर सारी मात्रा में भारतीय मूल के लोग नजर आते हैं, लेकिन क्‍या कारण है कि Google का innovation हमारे यहां नहीं होता है। क्‍या कारण है कि innovation बाहर होते हैं। Digital India के माध्‍यम से हम देश के नौजवानों कोinnovations के लिए आह्वान कर रहे हैं, कि आप आइए, इस चुनौती को स्‍वीकार कीजिए।

भारत जैसे देश को सबसे पहली आवश्‍यकता है.. जैसे Make in India का महत्‍व है, वैसे ही Design in India भी उतना ही महत्‍वपूर्ण है। हमारे देश के नागरिकों की रूचि, प्रकृति, प्रवृति के अनुसार हमारा प्रोडक्‍ट तैयार हो। वो जिस भाषा में समझता है, उस भाषा में प्रोडक्‍ट तैयार है। जिस age group को address करना है, उसकी आवश्‍यकता है के अनुसार प्रोडक्‍ट तैयार हो। सवा सौ करोड़ देशवासियों का बाजार है। हमारे देश के नौजवान अपने talent का उपयोग करते हुए, innovations को ध्‍यान में रखते हुए Design in India.. इस concept को पकड़ते हुए Digital India के अंदर नई ताकत, नए प्राण भर सकते हैं.. और उसको बल देने के लिए मैं देश के नौजवानों का आह्वान करता हूं। विश्‍व की ओर नजर करें, मैं मानता हूं कि भारत को एक बहुत बड़ी जिम्‍मेवारी अदा करने का समय आ गया है। हम देख सकते हैं कि दुनिया में रक्‍तविहीन युद्ध.. और मैं बहुत जिम्‍मेवारी के साथ बोल रहा हूं, रक्‍तविहीन युद्ध के बादल मंडरा रहे हैं। इस रक्‍तविहीन युद्ध के जब बादल मंडरा रहे हैं तो ऐसे में सुख-चैन की जिंदगी जी सके, क्‍या भारत इसका नेतृत्‍व कर सकता है कि नहीं कर सकता है?विश्‍व को सुख-चैन की जिंदगी जीने के लिए रक्‍तहीन युद्ध से सुरक्षा देने के लिए क्‍या भारत का talent काम आ सकता है कि नहीं आ सकता है? मैं जो रक्‍तहीन युद्ध की बात करता हूं, वो मु्द्दा है – cyber security का, उस पर हम बल देना चाहते हैं। और आज जब हम इस Digital India को launch कर रहे हैं तब उनको सपनों को साकार करने का हमारा प्रयास है तब मैं जरूर कहना चाहूंगा...

I dream of a DIGITAL INDIA where:

High-speed Digital Highways unite the Nation

एक जमाना था Highways के लिए मांग होती थीअब अकेले Highways से चलने वाला नहीं है। Highways भी चाहिए और information Highways भी चाहिए

I dream of a DIGITAL INDIA where: 1.2 billion Connected Indians drive Innovation

I dream of a DIGITAL INDIA where: Knowledge is strength – and empowers the People

I dream of a DIGITAL INDIA where: Access to Information knows no barriers

I dream of a DIGITAL INDIA where: Government is Open - and Governance Transparent...और मैं जब कह रहा हूं भ्रष्‍टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ने में technology बहुत बड़ी मदद कर सकती है। सारे लीकेजेस को रोका जा सकता है। हमने जो अभी कोयले का auction किया सारा Digital platform का उपयोग किया था। अनेक खादानों का auction हुआ, लाखों करोड़ों का काम हुआ, लेकिन यह सरकार पर एक भी इल्‍जाम नहीं लगा। क्‍यों, क्‍योंकि हमने इस Digital platform का उपयोग किया, सम्‍पूर्ण रूप से transparency पर हमने बल दिया। और इसलिए भ्रष्‍टाचार को रोकने के लिए भी information and communication technology एक बहुत बड़ा instrument के रूप में उपयोग किया जा सकता है।

I dream of a DIGITAL INDIA where: Technology ensures the Citizen-Government Interface is Incorruptible

I dream of a DIGITAL INDIA where: Government Services are easily and efficiently available to citizens on Mobile devices

I dream of a DIGITAL INDIA where: Government proactively engages with the people through Social Media

I dream of a DIGITAL INDIA where: Quality Education reaches the most inaccessible corners driven by Digital Learning

I dream of a DIGITAL INDIA where: Quality Healthcare percolates right up to the remotest regions powered by e-Healthcare

I dream of a DIGITAL INDIA where: Farmers are empowered with Real-time Information to be connected with Global Markets

I dream of a DIGITAL INDIA where: Mobile enabled Emergency Services ensure Personal Security

I dream of a DIGITAL INDIA where: Cyber Security becomes an integral part of our National Security

I dream of a DIGITAL INDIA where: Mobile and e-Banking ensures Financial Inclusion

I dream of a DIGITAL INDIA where: e-Commerce drives Entrepreneurship

I dream of a DIGITAL INDIA where: the World looks to India for the next Big Idea

I dream of a DIGITAL INDIA where: the Netizen is an Empowered Citizen

Thank you.

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अमित कुमार/ रजनी/ तारा/ उत्‍कर्ष/ सलीम अहमद
(Release ID :122920)
http://pib.nic.in/newsite/erelease.aspx







26 अगस्त 2014

‘डिजिटल इंडिया’ पर राज्‍यों के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रियों का सम्‍मेलन

केन्‍द्रीय संचार, सूचना प्रौद्योगिकी और विधि व न्‍याय मंत्री श्री रवि शंकर प्रसाद ने 26 अगस्‍त, 2014 को राज्‍यों/केन्‍द्र शासित प्रदेशों के सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्रियों और आईटी सचिवों के सम्‍मेलन की अध्‍यक्षता की। इसमें ‘डिजिटल इंडिया’ कार्यक्रम पर चर्चा की गई। दस राज्‍यों जैसे आंध्र प्रदेश, बिहार, गोवा, गुजरात, जम्‍मू-कश्‍मीर, मध्‍य प्रदेश, मेघालय, ओडिशा, तेलंगाना और उत्‍तर प्रदेश के आईटी मंत्रियों ने इस सम्‍मेलन में शिरकत की। आईटी सचिवों और 33 राज्‍यों/केन्‍द्र शासित प्रदेशों के आईटी विभाग के वरिष्‍ठ अधिकारियों ने भी इस सम्‍मेलन में भाग लिया।

‘डिजिटल इंडिया’ भारत सरकार की एक नई पहल है जिसका उद्देश्‍य भारत को डिजिटल लिहाज से सशक्‍त समाज और ज्ञान अर्थव्‍यवस्‍था में तब्‍दील करना है। इसके तहत जिस लक्ष्‍य को पाने पर ध्‍यान केन्‍द्रित किया जा रहा है, वह है भारतीय प्रतिभा (आईटी) + सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) = कल का भारत (आईटी)।

‘डिजिटल इंडिया’ एक व्‍यापक कार्यक्रम है जो अनेक सरकारी मंत्रालयों और विभागों को कवर करता है। यह तरह-तरह के आइडिया और विचारों को एकल एवं व्‍यापक विज़न में समाहित करता है, ताकि इनमें से हर विचार एक बड़े लक्ष्‍य का हिस्‍सा नज़र आए। डिजिटल इंडिया कार्यक्रम का समन्‍वय डीईआईटीवाई द्वारा किया जाना है। वहीं, इस पर अमल समूची सरकार द्वारा किया जाना है।

‘डिजिटल इंडिया’ का विज़न तीन प्रमुख क्षेत्रों पर केन्‍द्रित है। ये हैं– हर नागरिक के लिए उपयोगिता के तौर पर डिजिटल ढांचा, मांग पर संचालन एवं सेवाएं और नागरिकों का डिजिटल सशक्‍तिकरण।

हर नागरिक के लिए उपयोगिता के तौर पर डिजिटल ढांचे में ये उपलब्‍ध हैं- नागरिकों को सेवाएं मुहैया कराने के लिए एक प्रमुख उपयोग के रूप में हाई स्‍पीड इंटरनेट, डिजिटल पहचान अंकित करने का ऐसा उद्गमस्‍थल जो अनोखा, ऑनलाइन और हर नागरिक के लिए प्रमाणित करने योग्‍य है, मोबाइल फोन व बैंक खाते की ऐसी सुविधा जिससे डिजिटल व वित्‍तीय मामलों में नागरिकों की भागीदारी हो सके, साझा सेवा केन्‍द्र तक आसान पहुंच, पब्‍लिक क्‍लाउड पर साझा करने योग्‍य निजी स्‍थान और सुरक्षित साइबर-स्‍पेस।

सभी विभागों और न्यायालयों में मांग पर समेकित सेवाओं समेत शासन और सेवाओं, ऑनलाइन और मोबाइल प्लेटफॉर्म पर सही समय पर सेवाओं की उपलब्धता, सभी नागरिकों को क्लाउड एप पर उपलब्ध रहने का अधिकार है। डिजिटल तब्दील सेवाएं के जरिये व्यवसाय में सहजता करने, इलेक्ट्रॉनिक और नकदी रहित वित्तीय लेन-देन करने, निर्णय सहायता सिस्टम और विकास के लिए जीआईएस का फायदा उठाना।

नागरिकों को डिजिटल सशक्त बनाने के साथ में सार्वभौमिक डिजिटल साक्षरता, सर्वत्र सुगम डिजिटल संसाधनों, डिजिटल संसाधनों/सेवाओं की भारतीय भाषाओं में उपलब्धता, सुशासन के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्मों और पोर्टबिलिटी के सभी अधिकारों को क्लाउड के जरिये सहयोगपूर्ण बनाना। नागरिकों को शासकीय दस्तावेजों या प्रमाण-पत्रों आदि को उनकी मौजूदगी के बिना भी भरा जा सकेगा।

डिजिटल इण्डिया में नौ स्तम्भ सम्मिलित है-

ब्राडबेण्ड हाई-वे,
मोबाइल कनेक्टिविटी के लिए सार्वभौमिक ऐक्सेस,
जनता इन्टरनेट ऐक्सेस कार्यक्रम,
ई-गवर्नेन्स – तकनीकी के जरिये सरकार में सुधार,
ई-क्रान्ति- सेवाओं को इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्रदान करना,
सभी के लिए सूचनायें,
इलेक्ट्रॉनिक उत्पादन,
नौकिरयों के लिए आईटी,
जल्दी पैदावार कार्यक्रम।

ये सभी एक मिश्रित कार्यक्रम है और सभी मंत्रालयों एवं सरकारी विभागों से जुड़े हुये है।

डिजिटल भारत कार्यक्रम के तहत कई मौजूदा योजनाओं के साथ मिलकर कार्य करना है, जिसके दायरों को पुर्नगठित और पुर्नकेन्द्रित किया गया है। क्लाउड, मोबाइल इत्यादि टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देना, परिवर्तनकारी प्रक्रिया पुनर्रचना और प्रक्रिया में सुधार पर ध्यान केंद्रित करना, अंत-प्रचालनीय उपक्रम और एकीकृत सेवा प्रदान करने के मानकों पर आधारित है और एक समकालिक ढंग से लागू किया जाएगा। डिजिटल इण्डिया के माध्यम से “मेड इन इण्डिया” इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसों, उत्पादकों और सेवाओं के पोर्टफोलियो को भी बढ़ावा देना और देश में युवाओं के लिए रोजगार की संभावना को बढ़ावा देना है।


Updated  25 June 2016,  2 April 2016,  4 July 2015
First published 19 Dec 2014

3 comments:

  1. it is good . But i not see adsense in your blog

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    1. Thank you for the comment. Now I do not have that much interest in adsense. I created some useful and interesting content. If it becomes of use to some people, I shall be happy.

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  2. Promoting our mother tongue is very essential, we are giving utmost importance to English language. When we look countries like Japan, France, German, China and so on these countries focus only on their mother tongue and they are developed countries. Kindly visit our website on kids enlightment @ play school in Mumbai.

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