जमशेदजी टाटा
Jamshed Ji Nasarwan Ji Tata Documentary Hindi
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Goyal Brothers Prakashan
जमशेदजी टाटा का जन्म 3 मार्च 1839 को एक भारतीय पारसी परिवार में हुआ था।
उनका जन्म सन १८३९ में गुजरात के नवसेरी में हुआ था| उनके पिता जी नुसीरवानजी व्यवसायी थे। जमशेदजी 14 साल की नाज़ुक उम्र में ही उनका साथ देने लगे। जमशेदजी ने एल्फिंस्टन कालेज (Elphinstone College) में प्रवेश लिया| वे 1858 में स्नातक हुए और अपने पिता के व्यवसाय से पूरी तरह जुड़ गए।
1868 में उन्होने 21000 रुपयों के साथ अपना खुद का व्यवसाय शुरू किया। सबसे पहले उन्होने एक दिवालिया तेल कारखाना ख़रीदा और उसे एक रुई के कारखाने में तब्दील कर दिया और उसका नाम बदल कर रखा - एलेक्जेंडर मिल (Alexender Mill) ! दो साल बाद उन्होने इसे खासे मुनाफे के साथ बेच दिया। इस पैसे के साथ उन्होंने नागपुर में 1874 में एक रुई का कारखाना लगाया। उस कारखाने का नाम इम्प्रेस्स मिल (Empress Mill) (Empress का मतलब ‘महारानी’) रखा।
इंग्लैड की प्रथम यात्रा
इंग्लैड की प्रथम यात्रा से लौटकर इन्होंने चिंचपोकली के एक तेल मिल को कताई बुनाई मिल में परिवर्तित कर औद्योगिक जीवन का सूत्रपात किया। किंतु अपनी इस सफलता से उन्हें पूर्ण संतोष न मिला। पुन: इंग्लैंड की यात्रा की। वहाँ लंकाशायर के से बारीक वस्त्र की उत्पादनविधि और उसके लिए उपयुक्त जलवायु का अध्ययन किया। इसके लिए उन्होंने नागपुर को चुना और वहाँ वातानुकूलित सूत मिलों की स्थापना की। इस तरह लंकाशायर का जलवायु कृत्रिम साधनों से नागपुर की मिलों में उपस्थित कर दिया।
जमशेद जी के दिमाग में तीन बडे विचार आये। एक, अपनी लोहा व स्टील कंपनी खोलना ; दूसरा, एक जगत प्रसिद्ध अध्ययन केंद्र स्थापित करना ; व तीसरा, एक जलविद्युत परियोजना (Hydro-electric plant) लगाना। तीनो कार्य उनके बच्चोने किया। होटल ताज महल दिसंबर 1903 में 4,21,00,000 रुपये के शाही खर्च से तैयार हुआ।
1904 में जर्मनी में उन्होने अपनी अन्तिम सांस ली।
Updated 7 October 2017, 27 February 2016
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