मदन मोहन मालवीय का जन्म 25 दिसंबर 1861 को प्रयाग (भारती भवन, इलाहाबाद) में हुआ था।
मदन की आरंभिक शिक्षा इलाहाबाद में पूरी हुई। उन्होंने 1878 में प्रयाग सरकारी हाई स्कूल से मैट्रिक पास की।
कुछ दिन वे अध्यापक बने। 1885 में उन्होंने इंडियन यूनियन वीकली का संपादन किया। 1887 में, उन्होंने सनातन धर्म और हिंदू संस्कृति के प्रचार-प्रसार के लिए भारत धर्म महामंडल की स्थापना की। उन्होंनेे हिंदुस्तान का संपादन भी किया। 1889 में, उन्होंने इंडियन ओपिनियन का संपादन किया। 1891 में, वह बैरिस्टर बन गए और इलाहाबाद उच्च न्यायालय में वकालत आरंभ कर दी। उनका वकालत का काम अच्छा चल रहा था । लेकिन समाज सेवा के लिए 1913 में उन्होंने वकालत छोड़ दी।
मालवीय जी 1916 तक इलाहाबाद में नगर पालिका के सदस्य रहे और कई वर्षों तक इंडियन नेशनल कांग्रेस के सम्मानित सदस्य भी रहे।
28 नवंबर, 1911 को बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के लिए कार्य आरंभ करने के लिए सोसायटी बनाई गई। पहली अक्तूबर, 1915 को बी एच यू एक्ट पारित हो गया। वो कई साल यूनिवर्सिटी की कुलपति का काम निभाया।
4 फरवरी, 1916 को बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी की आधारशिला रखी गई। वो कई साल यूनिवर्सिटी की कुलपति का काम निभाया।
मालवीय जी का निधन 1946 में हुआ
भारत रत्न पंडित मदन मोहन मालवीय जी के जीवन का मुख्य संघठन
25.12.1861
इलाहाबाद में जन्म
1878
मिर्जापुर में कुंदन देवी के साथ विवाह
1884
कलकत्ता विश्वविद्यालय से स्नातक
जुलाई 1884
इलाहाबाद जिला स्कूल में शिक्षण
दिसंबर 1886
दादाभाई नारौजी की अध्यक्षता में कांग्रेस के दूसरे अधिवेशन में परिषदों में प्रतिनिधित्व के मामले पर भाषण
जुलाई 1887
कालकंकड में हिंदोस्तान का संपादन। भारत धर्म मंडल का स्थापना सम्मेलन
जुलाई 1889
संपादन छोड़कर इलाहाबाद में एलएलबी पढ़ाई शुरू किया।
1891
एलएलबी पास कर इलाहाबाद जिला न्यायालय में वकालत शुरू की
दिसंबर 1893
इलाहाबाद हाईकोर्ट में वकालत
मार्च 1898
यू.पी के गवर्नर को हिंदी के बारे में ज्ञापन सौंपा
1902-1903
इलाहाबाद में हिंदू बोर्डिंग हाउस का निर्माण
1903-1912
प्रांतीय परिषद में सदस्य के रूप में सेवा
1904
काशी नरेश की अध्यक्षता में विश्वविद्यालय स्थापित करने का प्रस्ताव
जनवरी 1906
इलाहाबाद के कुंभ मेले में सनातन धर्म महासभा का संचालन किया। उदार सनातन धर्म का प्रचार किया। बनारस में विश्वविद्यालय खोलने का फैसला
1907
अभ्युदय का संपादन। सनातन धर्म व लोकतांत्रिक मूल्यों का प्रचार
1909
अंग्रेजी दैनिक लीडर का संपादन। लाहौर कांग्रेस की अध्यक्षता
लाहौर हिन्दू सभा की अध्यक्षता
अक्टूबर 1910
पहले हिंदी साहित्य सम्मेलन में अध्यक्षीय संबोधन
22.11.1911
हिंदू विश्वविद्यालय सोसाइटी का गठन
दिसंबर 1911
50 साल की उम्र में वकालत छोड़ दी। देशसेवा और विश्वविद्यालय स्थापना के लिए कार्य करने का फैसला
फरवरी 1915
अपनी अध्यक्षता में प्रयाग सेवा समिति का गठन
अक्टूबर 1915
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय विधेयक पास हुआ
04 फरवरी 1916
विश्वविद्यालय की आधारशिला रखी गई
मार्च 1916
परिषद में ठेका मजदूरी व्यवस्था के खिलाफ प्रस्ताव
1916-18
सदस्य, औद्योगिक आयोग
1918
सेवा समिति द्वारा स्काउट एसोसिएशन का गठन
दिसंबर 1918
दिल्ली में वार्षिक कांग्रेस सम्मेलन की अध्यक्षता
फरवरी 1919
परिषद में रौलेट बिल पर बहस। परिषद से इस्तीफा
नवम्बर 1919-सितंबर1939
बीएचयू के वाइस चांसलर
19 अप्रैल 1919
बम्बई में हिंदी साहित्य सम्मेलन की अध्यक्षता
जनवरी 1922
सर्वदलीय सम्मेलन का संचालन
16 दिसम्बर 1922
लाहौर में हिंदू मुस्लिम सद्भाव पर भाषण
1924
जिला और विधानसभा में स्वतंत्र पार्टी का गठन। इलाहाबाद में संगम पर सत्याग्रह। स्टील संरक्षण बिल पर बहस।
अगस्त 1926
लाला लाजपत राय के साथ कांग्रेस स्वतंत्र पार्टी का गठन
फरवरी 1927
कृषि आयोग के समक्ष बयान
दिसंबर 1929
बीएचयू में दीक्षांत भाषण। छात्रों से देशसेवा व देशभक्ति का आह्वान
1930
विधानसभा से इस्तीफा। दिल्ली में गिरफ्तारी। 6 महीने की सजा।
5 अप्रैल 1931
कानपुर में हिंदू मुस्लिम एकता पर भाषण
1931
लंदन में गांधी जी के साथ गोलमेज सम्मेलन में भाग लिया
मार्च 1932
बनारस में अखिल भारतीय स्वदेशी संघ का गठन
20 अप्रैल 1932
दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष नामित। गिरफ्तारी।
अप्रैल 1932
कलकत्ता कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में आसनसोल में गिरफ्तारी
जनवरी 1936
इलाहाबाद में सनातन धर्म महासभा का संचालन।
नवंबर 1939
जीवनपर्यंत बीएचयू के रेक्टर नियुक्त
1941
गोरक्षा मंडल की स्थापना
जनवरी 1942
बीएचयू के रजत जयंती समारोह में गांधी जी का दीक्षांत
12 नवंबर 1946
मृत्यु
http://pib.nic.in/newsite/hindifeature.aspx?relid=32831
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